अमरावती मे पहुंची मनोरुग्ण सेवा.
अमरावती मे पहुंची मनोरुग्ण सेवा
शहर मे काफी संख्या मे मनोरुग्ण पाय जाते है. वो अपना उदरनिर्वाह किसी से मांग कर या रास्ते पर कुछ भी मिला खाकर करते है.ऐसे बहुत से मनोरुग्ण अमरावती शहर मे है.अमरावती के बहुत से समाजसेवकोने इसके बारे मे यवतमाल के मनोरुग्ण निवारा केंद्र के अध्यक्ष संदीप शिंदे को बताया था.उस विषय पर काम करते हुये नंदादीप फाऊंडेशन के अध्यक्ष संदीप शिंदे अपने सहकारीयोंको के साथ ॲम्बुलन्स लेकर अमरावती पहुंचे.कोतवाली पोलिस स्टेशन अमरावती शहर के वरिष्ठ पोलिस निरीक्षक सोनोने साहब के मार्गदर्शन मे वहा पर तत्काल शोध कार्य सुरू किया जाने पर वहा से तीन मनोरुग्ण जो की बहुत बुरे हाल मे अपना जीवन व्यक्तीत कर रहे थे,उन्हे एक प्रभावी उपचार देने के लिए यवतमाळ मे लाये गये.उन तीनों मनोरुग्ण की कोतवाली पोलिस स्टेशन की स्टेशन डायरीमे नोंद की गयी.
यवतमाळ मे विदर्भ का दुसरा मनोरुग्ण निवारा केंद्र है.यहा पर नजदीक १०० से अधिक मनोरुग्ण उपचार ले रहे है और बहुत से मनोरुग्ण उपचार से बरी होकर अपने गाव,अपने परिवार के पास वापस लौट चुके है.यह विधायक कार्य नंदादीप फाउंडेशन तथा सेवा समर्पण संस्थान की माध्यम से किया जा रहा है. ये सेवा देने के लिए लगने वाली ॲम्बुलन्स सेवा जेष्ठ नागरिक मंडल की और से तथा रोटरी क्लब यवतमाळ की तरफ से दी जाती है. मनोरुग्ण को रहने की व्यवस्था नगर परिषद के मुख्याधिकारी माधुरी मडावी मॅडम ने करा दि है. सेवा मे संदीप शिंदे,नंदिनी शिंदे,प्रदीप शिंदे, मनोज बागवाले,स्वप्नील बागवाले, सुनील काळे,भोजराज गजभिये, एवम यवतमाळ जिल्हा सॉफ्टबॉल असोसिएशन के खिलाडी अक्षय बानोरे,निशांत सायरे प्रत्यक्ष सेवा देने के लिए तत्पर राहते है. अगर आपको किसी भी प्रकार के मनोरुग्ण गंभीर हालत मे दिखे तो संदीप शिंदे के ९५५२२२५०८० इस क्रमांक पर फोन करके बताये.आपका एक फोन एक मनोरूग्ण के आयुष्य मे
Thanks for sharing. I read many of your blog posts, cool, your blog is very good.